सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सावधान ! आप के आस-पास भी घुम रहे है कई आशाराम

आशाराम को तो जेल उम्रकैद हो गई। लेकिन यह सोच लेना ठीक नही होगा कि इससे आशाराम जैसे हवस के पुजारी कुछ सबक लेगे। हमारे आस-पास ऐसे कई आशाराम जैसे वृद्ध मिल जायेगे,जिनके अन्दर हमेशा हवस की आग सुलगती रहती हैं।

बलात्कार कोई भी करे ,यह एक घिनौना कुकर्म हैं। परन्तु जब आशाराम जैसे वृद्ध और धर्मगुरू बनकर बलात्कार जैसी घटनाओ को अंजाम दे, सोचनीय योग्य हैं। आखिर इस अत्याधुनिक युग में हम किस तरफ जा रहे हैं?

बुढ्ढ़े भी बलात्कार में पीछे नही
यह जानकार आप जरूर चौंक जायेगे कि आखिर वृद्ध के दिमाक में ईश्वर नाम स्मरण की जगह ,  हवस की इच्छा कैसे जगती हैं।
सरकारी आंकड़ो पर नजर डाले तो पता चलता की हर 1 घण्टे में चार बलात्कार होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड - 2015 के अनुसार 34 हजार से ज्यादा बलात्कार पुरे देश में हुआ। जिसमें बुढ्ढ़े का काफी बड़ा हाथ हैं। इसमें एक बात गौर करने योग्य हैं कि वृद्ध खासकर बच्चीयों के साथ यौन शोषण करते हैं।

     हाल की घटना हैं, देश की राजधानी नई दिल्ली के मंगोलपुरी क्षेत्र में छह साल की मासूम बच्ची को पड़ोस में रहने वाले 60 साल के बुजुर्ग ने अगवा कर दुष्कर्म किया। इस घटना का खुलासा तब हुआ , जब बच्ची के पेट में दर्द होने पर परिजन अस्पताल ले गये। डॉक्टर ने बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की बात कही। मां ने पूछने पर पड़ोसी अंकल का नाम लिया।

इन पर रखे खास नज़र
वैसे अमूमन वही वृद्ध बलात्कार जैसी घटनाओ को अंजाम देते है जो किसी तरह की नशे की लत का शिकार और अकेले रहते हो। ऐसे बुढ्ढ़ो से खासकर बच्चो को दुरी बनाकर रखना चाहिए। क्योकि विशेषज्ञों का मानना है की जो लोग नशे के आदि होते हैं, उन्हे अपनी भावनाओ पर नियत्रंण कम होता है । दुसरे शब्दो में कहे तो नशेड़ी को जो करने को मन करता ,वह वही कर बैठता है। अच्छा-बुरा नहीं सोच पाता हैं।

अगर आप के आस-पड़ोस में ऐसे शख्स रहते तो बच्चो को जरूर पहले से समझा देना चाहिए की वो इनसे अकेले में कभी नहीं मिले। अगर कोई कुछ गलत करे तो जरूर बताये।
माता-पिता के द्वारा बच्चो को जागरूक करना बहुत ज्यादा जरूर हो गया है साथ में स्कुली शिक्षिका का भी फर्ज बनता है वो बच्चो को "गुड एण्ड बेड टच" के बारे मे बताये।
क्योकि आज कल बच्चो के ज्यादा यौन अपराध ज्यादा हो रहे हैं।

बुजुर्गो में सैक्स की भावना ?
आमतौर पर यह धारणा होती है कि जैसे-जैसे उम्र ढलती जाती, वैसे -वैसे सैक्स करने की इच्छा कम होती जाती है। परन्तु ऐसा नही हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 60 से लेकर 84 वर्ष के बीच में पुरूषो में यौंन संबंध बनाने की इच्छा ज्यादा होती हैं।  

इस शोध के प्रमुख लेखक डॉ. क्रिस्टीन मिलरोड बताते है कि 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद बिना कंडोम के सैक्स करना बुजुर्ग पसंद करते हैं। इतना ही नहीं 60 के बाद उनकी सैक्स करने की इच्छा भी बढ़ने लगती हैं। ज्यादातर पैसा देकर यौन संबंध बनाना पसंद करते हैं। 
आगे बताते है हमने 60 से लेकर 84 वर्ष के बीच उम्र के बुजुर्गो पर शोध किया। जिनमे से ज्यादातर पेड पार्टनर के साथ सैक्स बनना पसंद करते हैं। उन्हे अपने पसंदीदा पेड पार्टनर के साथ बार बार संबंध बनाने की इच्छा होती हैं।


इस तरह से देखा जाये तो बुजुर्गो में भी सैक्स बनना की इच्छा होती है। अगर कोई बुजुर्ग नशे इत्यादि करता है तो उसमें उत्तेजना और बढ़ जाती हैं। ज्यादातर बुजुर्ग बच्चीयो के बहला-फुसला के जबरदस्ती अपनी काम वासना शांत करना चाहते , जो कि बलात्कार की क्ष्रेणी में आता हैं।  कुछ मामलो यह पता भी नही चल पाता हैं। ऐसा इसलिए कह रहा हुं । क्योकि देश भर हर एक घण्टे में चार बलात्कार होते है। उनमें से बहुत कम सामने आते हैं। 
अत: आज के समय में खासकर बच्चो को जागरूक करने की अहम जरूरत हैं।
अणदाराम  बिश्नोई

 ↔↔↔↔↔↔
🆓 आप अपना ई- मेल डालकर हमे free. में subscribe कर ले।ताकी आपके नई पोस्ट की सुचना मिल सके सबसे पहले।
⬇⏬subscribe करने के लिए इस पेज पर आगे बढ़ते हुये ( scrolling) website के अन्त में जाकर Follow by Email लिखा हुआ आयेगा । उसके नीचे खाली जगह पर क्लिक कर ई-मेल डाल के submit पर क्लिक करें।⬇⏬
फिर एक feedburn नाम का पेज खुलेगा।  वहां कैप्चा दिया हुआ होगा उसे देखकर नीचे खाली जगह पर क्लिक कर उसे ही लिखना है। फिर पास में ही " ♿complate request to subscription" लिखे पर क्लिक करना है।
उसके बाद आपको एक ई मेल मिलेगा। जिसके ध्यान से पढकर पहले दिये हुये लिंक पर क्लिक करना है।
फिर आपका 🆓 मे subscription.  पुर्ण हो जायेगा।

आपको यह पोस्ट कैसा लगा, कमेन्ट बॉक्स मे टिप्पणी जरूर कीजिए।।साथ ही अपने दोस्तो के साथ पोस्ट को शेयर करना मत भूले। शेयर करने का सबसे आसान तरीका-
☑ सबसे पहले उपर साइट मे "ब्राउजर के तीन डॉट पर " पर क्लिक करें करें।
☑ फिर  "साझा करे या share करें पर " लिखा हुआ आयेगा। उस पर क्लिक कर लिंक कॉपी कर ले।
☑ फिर फेसबुक पर पोस्ट लिखे आप्शन में जाकर लिंक पेस्ट कर दे।इसी तरह से whatsapp. पर कर दे।
आखिर शेयर क्यो करे ❔- क्योकी दोस्त इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा।हम आपके लिए इसी तरह समय निकाल कर महत्वपुर्ण पोस्ट लाते रहेगे। और दुसरी बड़ा फायदा Knowledge बांटने का पुण्य। इस पोस्ट को शेयर कर आप भी पुण्य के भागीदार बन सकते है। देश का मनो-विकास होगा ।
तो आईये अपना हमारा साथ दीजिए तथा हमें "Subscribes(सदस्यता लेना) " कर ले    अपना ईमेल डालकर।
💪इसी तरह देश हित की कलम की जंग का साथ देते रहे।👊

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजनीति में पिसता हिंदू !

कांग्रेस की जयपुर रैली महंगाई पर थी, लेकिन राहुल गांधी ने बात हिंदू धर्म की. क्यों ? सब जानते है कि महंगाई इस वक्त ज्वलंत मुद्दा है. हर कोई परेशान है. इसलिए केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी रैली के लिए राजस्थान को चुना. लेकिन बात जो होनी थी, वो हुई नहीं. जो नहीं होनी चाहिए थी, वो हुई. साफ है कि हिंदुस्तान की राजनीति में धर्म का चोली-दामन की तरह साथ नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी मुखर होकर हिंदू धर्म की बात करती है. अपने एजेंडे में हमेशा हिंदुत्व को रखती है. वहीं 12 दिसंबर को जयपुर में हुई कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली में राहुल के भाषण की शुरुआत ही हिंदुत्व से होती है. राहुल गांधी ने कहा कि गांधी हिंदू थे, गोडसे हिंदुत्ववादी थे. साथ ही खुलकर स्वीकर किय़ा वो हिंदू है लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं है. यानी कांग्रेस की इस रैली ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. बहस है- हिंदू बनाम हिंदुत्ववादी. इस रैली का मकसद, महंगाई से त्रस्त जनता को राहत दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था. महंगाई हटाने को लेकर अलख जगाने का था. लेकिन राहुल गांधी के भाषण का केंद्र बिंदु हिंदू ही रह...

डिग्री के दिन लदे, अब तो स्किल्स दिखाओं और जॉब पाओ

  भारत में बेरोजगारी के सबसे बड़े कारणों में प्रमुख कारण कार्य क्षेत्र के मुताबिक युवाओं में स्किल्स का भी नहीं होना है। साफ है कि कौशल को बढ़ाने के लिए खुद युवाओं को आगे आना होगा। क्योंकि इसका कोई टॉनिक नहीं है, जिसकी खुराक लेने पर कार्य कुशलता बढ़ जाए। स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद युवाओं को लगता है कि कॉलेज के बाद सीधे हाथ में जॉब होगी। ऐसे भ्रम में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हर दूसरा स्टूडेंट रहता है। आंखें तब खुलती है, जब कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में वो स्वत :  शामिल हो जाते है। क्योंकि बिना स्किल्स के कॉर्पोरेट जगत में कोई इंटरव्यू तक के लिए नहीं बुलाता है, जॉब ऑफर करना तो बहुत दूर की बात है। इंडियन एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी कमी- सिर्फ पुरानी प्रणाली से खिसा-पीटा पढ़ाया जाता है। प्रेक्टिकल पर फोकस बिल्कुल भी नहीं या फिर ना के बराबर होता है। और जिस तरीके से अभ्यास कराया जाता है, उसमें स्टूडेंट्स की दिलचस्पी भी उतनी नहीं होती। नतीजन, कोर्स का अध्ययन के मायनें सिर्फ कागजी डिग्री लेने के तक ही सीमित रह जाते है।   बेरोजगारों की भी...

गरीब युवाओं से आह्वान: बड़ा करना है तो शिक्षा बड़ा हथियार

भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है, महात्मा गांधी के इस कथन का महत्व तब बढ़ जाता है. जब गांवों से टैलेंट बाहर निकलकर शहर के युवाओं को पछाड़ते हुए नए मुकाम हासिल करते है. ऐसी कहानियां उन लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाती, जो पैदा तो भले ही गरीबी में हुए हो. लेकिन हौसलों से आसमान छूना चाहते है. यब बातें सुनने जितनी अच्छी लगती है, करके दिखाने में उतनी ही कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है. सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून, धैर्य और लगन जरूरी है.   (P. C. - Shutterstock)  सोचिए एक गरीब परिवार में जन्मे युवा किन-किन कठिनाइयों से गुजरता होगा. गरीबी में पैदा होना किसी की गलती नहीं है. गरीबी में पैदा हुए युवाओं को शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए. शिक्षा ही वो सबसे बड़ा हथियार है. जिससे गरीबी रेखा को लांघकर समाज कल्याण का काम कर सकते है. परिवार को ऊपर उठा सकते है. दुनिया के सबसे बड़े अमीरों में शुमार बिल गेट्स का यह वक्तव्य किसी प्रेरणा से कम नहीं है. बिल गेट्स कहते है कि  '' अगर गरीब पैदा हुए तो आपकी गलती नहीं, लेकिन गरीब मरते हो तो आपकी गलती है'' भारत में करीब 32 ...