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क्या मोदीजी देश के युवाओ को बेवकुफ़ बना रहे हैं ?

मोदी राज में  रोजगार आंकड़े क्या कहते हैं ? कितने खुश हैं मोदी जी से युवा ? मोदी सरकार ने कितना दिया रोजगार ? मोदी जी अपने रोजगार के चुनावी वादे में कितना उतरे खरे ! जानिए और भी बहुत कुछ ....... मोदी राज की रोजगार व्यवस्था के बारे में    


देश के नौजवानो को साल 2014 को वह दिन याद होगा,जिस दिन मोदी जी अपने चुनावी रैंली में बेरोजगारो पर रोजगार की कृपा दृष्टी करने का वादा किया था। इन वादो को सुनकर तो सभी को यही लग रहा था कि देश में बेरोजगारी की बीमारी काफी कम हो जाएगी। परन्तु यह कम होने के बजाय महामारी का रूप ले रही हैं। जिसमें SSC जैसी परीक्षाओं में नकल, धांधली व परीक्षा निरस्त होना 'आग में घी ' का काम कर रही हैं।

क्या था मोदीजी का वादा ?
हर साल 2 करोड़ बेरोजगारो को रोजगार देने का मोदीजी का वादा था। यानी पुरे 5 साल के कार्यकाल में 10 करोड़ को रोजगार देना का लक्ष्य था।
            परन्तु यह लक्ष्य कामयाब होता नजर नहीं आ रहा हैं और बेरोजगार के लिए मोदी जी वादा एक परिकथा की तरह ही रह गया हैं। क्योकि मोदी सरकार को सत्ता में आये चार साल होने वाले हैं। लेकिन इस लक्ष्य से बहुत दुर हैं। ऊपर से 2019 के लोकसभा चुनाव भी नजदीक आ रहे है। जिसके चलते सरकार के पास काफी कम समय हैं।

कितने उतरे खरे
सरकार ने कितनी नौकरीयां दी ,इस संबंध मे कोई  विशेष आंकड़े नही है । परन्तु केन्द्रीय लेबर आंकड़े हर तिमाही आते है। उस पर नजर डाले तो पता चलता हैं की -
जितनी नौकरी मोदी सरकार ने चार साल मे थी है ,उतनी कांग्रेस ने पहले साल यानी 2009 मे ही दे थी।
SSC पीड़ितो की नही सुन रही है सरकार , उल्टे बरसा रही लाठियां

युवा हल्लाबोल के दौरान पुलिस ने बरसाई लाठीया ।

*दिल्ली पुलिस ने एसएससी घोटाले के खिलाफ युवा-हल्लाबोल आयोजित करने के लिए अनुपम के खिलाफ FIR दर्ज किया*

दिल्ली पुलिस ने 31 मार्च को संसद मार्ग पर युवा-हल्लाबोल का आयोजन करने के लिए युवा नेता अनुपम व चार अन्य विद्यार्थियों के खिलाफ़ FIR दर्ज किया है। युवा-हल्लाबोल में एसएससी के घोटाले व अनियमितताओं के विरुद्ध संघर्ष कर रहे अभ्यर्थी भारी संख्या में एकत्रित हुए थे। देश भर में चल रहे इस आंदोलन में सम्मिलित छात्र एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में स्वतंत्र व समयबद्ध सीबीआई जाँच की माँग कर रहे हैं।

31 मार्च को आयोजित युवा-हल्लाबोल की घोषणा CGO कॉम्प्लेक्स पर एसएससी मुख्यालय के बाहर छात्रों द्वारा लगातार 18 दिन संघर्षरत रहने के बाद की गई थी।

पहले दिन से ही एसएससी आंदोलन में छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे अनुपम ने कहा, "यह एसएससी घोटाले के खिलाफ़ चल रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन को कमजोर करने की साजिश है। पर ऐसी षड्यंत्र कामयाब नहीं होंगें और छात्र सरकारी नौकरियों में ईमानदार चयन के अपने अधिकार के लिए अंत तक लड़ेंगें।

अनुपम ने साथ ही जोड़ा कि उनके लिए ये चौंकाने वाला था कि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी है। उन्होंने कहा, "संसद मार्ग पर मौजुद कुछ असामाजिक और उपद्रवी किस्म के लोगों ने आम छात्रों को भड़काने का प्रयास किया।" छात्रों ने ऐसे तत्वों के बारे में पुलिस को एक दिन पहले ही सूचित कर दिया था लेकिन पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। हमें पूरी आशंका है कि हमारी अनुपस्थिति में प्रदर्शन उग्र और अराजक रूप ले सकता था। और इसलिए मेरे लिए ये जानना आश्चर्यजनक है कि दिल्ली पुलिस ने मेरे ही खिलाफ एफआईआर दायर कर दिया 

✍ अणदाराम बिश्नोई
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