कैब ड्राइवर कंपनियों से मिलने वाले कमीशन से मुनाफा कमाते हैं. लेकिन सोच कर हैरान रह जाओगे कि ओला उबर के कैब ड्राइवर कंपनियों को खुद ही धोखा दे रहे हैं। यह ऐसा ही है, जैसे जिस थाली में खाना खाते उसी में छेद करना।
इस पूरे फ्रॉड के खेल को समझने के लिए आपको इस पूरी रिपोर्ट को पढ़ना होगा। वैसे यह कोई रिसर्च की रिपोर्ट नहीं है। बल्कि यह एक उबर कैब बुक करने वाले शख्स की जुबानी है। इसे सिर्फ एक जुबानी के तौर पर देखना ठीक नहीं होगा। यह उन सभी कैप कंपनियों के लिए आंखें खोल देने वाली एक रिपोर्ट की तरह है, जो कैब सेवा देती हैं।
जैसे आपको कैब बुक करने की जरूरत पड़ती है। ठीक उसी तरह से सुल्तान( बदला हुआ नाम) को सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन जाने के लिए के बुक करनी पड़ी। कैब बुक करने पर 220 रुपए दिखाया गया। ठीक 10 मिनट इंतजार करने के बाद उबर कैब आ गई।
कुछ दूरी पर चलने पर ड्राइवर ने पूछा, "सर पेमेंट कितना दिखाया है ?" सुल्तान ने कहा, "220 रुपए।" ड्राइवर ने कहा, "बहुत कम है। क्या आपने कोई कूपन अप्लाई किया है ?" सुल्तान ने कहा, "नहीं"। ड्राइवर ने कहा, "220 से क्या बचेगा"
सुल्तान- " वह कैसे ? समझा नहीं"
ड्राइवर ने कहा, "सर 25 फ़ीसदी कमीशन उबर ले लेगी। काफी किलोमीटर है, ऐसे में कुछ नहीं होगा । काफी कीमत का तेल खर्च हो जाएगा।" सुल्तान- ठीक है।
इतने में कैब ड्राइवर ने अपना मोबाइल उठाया और सुल्तान को उबर ऐप से एग्जिट कर। मतलब उबर ऐप के अनुसार सुल्तान ने बस 27 रुपए ही राइड की। सीधा-साधा मतलब, सुल्तान की राइड से उबर के पास 7 रुपए गए। क्योंकि 27 का 25 फीसदी 7 होता है।
ड्राइवर्स का लालच लेे डूबेगा
लेकिन कैब ड्राइवर की करतूत समझिए। क्योंकि हकीकत में फिजिकली तो सुल्तान उबर कैब में राइड कर रहा है । सराय रोहिल्ला स्टेशन आने पर सुल्तान ने कैब ड्राइवर को ₹220 पेमेंट किया।
वहीं उबर ऐप के मुताबिक सुल्तान ने 27 रुपए की ही राइड की और वह पहले ही उतर चुके हैं। क्योंकि ड्राइवर ने ऐप से थोड़ी दूर चलने पर एग्जिट कर दिया था। सुल्तान का तो कुछ नहीं गया। उसे तो पहले भी 220 रुपए देने थे। और अभी भी उस उबर उबर ऐप से उसे एग्जिट होने के बाद भी 220 रुपए भी देने पड़े।
सोचिए उस कंपनी के बारे में जो सुल्तान की राइड से सिर्फ 7 रुपए ही कमा पाई। लेकिन हकीकत में कैब ड्राइवर ने 220 रुपए सुल्तान से वसूले।
इस तरह से कई सारे ड्राइवर्स करतूत के जरिए ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। परन्तु OLA-UBER जैसी कैब कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा है। इस उदाहरण से समझ सकते हैं। किस तरह से ड्राइवर्स कंपनियों के साथ खेल रहे हैं। सुल्तान की राइड से 7 रूपए मिले, लेकिन मिलने चाहिए 55 रुपए।
यानी यह खेल इस तरह से चलता रहा। तो OLA-UBER जैसी कम्पनीओ को घाटे में पहुंचा देंगे। जल्द ही OLA-UBER जैसी कंपनियों को जागना होगा। कुछ ऐसा सिस्टम लाना होगा, जिससे ड्राइवर्स का फ्रॉड करने का तरीका रूके सकें।
✍ अणदाराम बिश्नोई
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