सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

22 मार्च को जनता कर्फ्यू, PM मोदी का ऐलान, घर में रहने की अपील

पीएम मोदी ने कोरोनावायरस को लेकर देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से बचने का एक मात्र उपाय बचाव ही हैं। इसलिए हम सबको, अपने आप को स्वस्थ रखना हैं। घर में रहना है।

Pm Modi, Narendra modi, janta corfu

पीएम ने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू करना है। यानी जनता का कर्फ्यू, जनता के लिए, जनता के द्वारा। सभी लोग 22 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 9 बजे घरों में रहे। पीएम मोदी ने सभी देश वासियों से यह अपील की हैं। हालांकि जिसको बहुत जरूरी काम है, वो घर से बाहर जा सकते हैं।

खुद बचे, औरों को भी बचाएं

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस को हराना है। इसके लिए हमें जितना हो सके, घर में रहना है। खुद को स्वस्थ रखना हैं। खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आप को घर में रखे। इससे हम खुद भी स्वस्थ रहेंगे, साथ ही औरों को भी रख पाएंगे।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि विशेषकर बुजुर्ग घर में रहे। जिसकी उम्र 60-65 साल या इससे ज्यादा हैं, वो घरों में ही रहे।

पत्रकारों, डॉक्टरों और पुलिस का करे धन्यवाद

पीएम मोदी ने देशवासियों से पत्रकारों, डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों को आभार वक्त करने की बात कही हैं। पीएम ने कहा कि कोरोनावायरस से जूझ रहे लोगों की मदद करने वालों को हमें आभार जताना हैं।

पीएम ने कहा कि भारत सेवा भाव वाला देश हैं। अब हमें संयम के साथ श्रद्धा भाव प्रकट करना है।

साथ ही पीएम ने कहा कि 22 मार्च को शाम 5 बजे बालकनी में खड़े होकर ताली बजाकर मदद करने वालों का आभार वक्त करना हैं।

9 हजार से ज्यादा मौत

चीन के वुहान से फैले कोरोनावायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अब इसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है। दुनियाभर में 2.25 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 9 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी है। वहीं 85 हजार लोग इस बीमारी से सही भी हो चुके हैं।

चीन, इटली, ईरान, स्पेन और जर्मनी ऐसे देश हैं, जहां सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.

- अणदाराम बिश्नोई


(नई पोस्ट की सूचना के लिए Telegram पर Delhi TV सर्च कीजिए और जुड़िए)


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजनीति में पिसता हिंदू !

कांग्रेस की जयपुर रैली महंगाई पर थी, लेकिन राहुल गांधी ने बात हिंदू धर्म की. क्यों ? सब जानते है कि महंगाई इस वक्त ज्वलंत मुद्दा है. हर कोई परेशान है. इसलिए केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी रैली के लिए राजस्थान को चुना. लेकिन बात जो होनी थी, वो हुई नहीं. जो नहीं होनी चाहिए थी, वो हुई. साफ है कि हिंदुस्तान की राजनीति में धर्म का चोली-दामन की तरह साथ नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी मुखर होकर हिंदू धर्म की बात करती है. अपने एजेंडे में हमेशा हिंदुत्व को रखती है. वहीं 12 दिसंबर को जयपुर में हुई कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली में राहुल के भाषण की शुरुआत ही हिंदुत्व से होती है. राहुल गांधी ने कहा कि गांधी हिंदू थे, गोडसे हिंदुत्ववादी थे. साथ ही खुलकर स्वीकर किय़ा वो हिंदू है लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं है. यानी कांग्रेस की इस रैली ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. बहस है- हिंदू बनाम हिंदुत्ववादी. इस रैली का मकसद, महंगाई से त्रस्त जनता को राहत दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था. महंगाई हटाने को लेकर अलख जगाने का था. लेकिन राहुल गांधी के भाषण का केंद्र बिंदु हिंदू ही रह...

डिग्री के दिन लदे, अब तो स्किल्स दिखाओं और जॉब पाओ

  भारत में बेरोजगारी के सबसे बड़े कारणों में प्रमुख कारण कार्य क्षेत्र के मुताबिक युवाओं में स्किल्स का भी नहीं होना है। साफ है कि कौशल को बढ़ाने के लिए खुद युवाओं को आगे आना होगा। क्योंकि इसका कोई टॉनिक नहीं है, जिसकी खुराक लेने पर कार्य कुशलता बढ़ जाए। स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद युवाओं को लगता है कि कॉलेज के बाद सीधे हाथ में जॉब होगी। ऐसे भ्रम में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हर दूसरा स्टूडेंट रहता है। आंखें तब खुलती है, जब कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में वो स्वत :  शामिल हो जाते है। क्योंकि बिना स्किल्स के कॉर्पोरेट जगत में कोई इंटरव्यू तक के लिए नहीं बुलाता है, जॉब ऑफर करना तो बहुत दूर की बात है। इंडियन एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी कमी- सिर्फ पुरानी प्रणाली से खिसा-पीटा पढ़ाया जाता है। प्रेक्टिकल पर फोकस बिल्कुल भी नहीं या फिर ना के बराबर होता है। और जिस तरीके से अभ्यास कराया जाता है, उसमें स्टूडेंट्स की दिलचस्पी भी उतनी नहीं होती। नतीजन, कोर्स का अध्ययन के मायनें सिर्फ कागजी डिग्री लेने के तक ही सीमित रह जाते है।   बेरोजगारों की भी...

गरीब युवाओं से आह्वान: बड़ा करना है तो शिक्षा बड़ा हथियार

भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है, महात्मा गांधी के इस कथन का महत्व तब बढ़ जाता है. जब गांवों से टैलेंट बाहर निकलकर शहर के युवाओं को पछाड़ते हुए नए मुकाम हासिल करते है. ऐसी कहानियां उन लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाती, जो पैदा तो भले ही गरीबी में हुए हो. लेकिन हौसलों से आसमान छूना चाहते है. यब बातें सुनने जितनी अच्छी लगती है, करके दिखाने में उतनी ही कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है. सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून, धैर्य और लगन जरूरी है.   (P. C. - Shutterstock)  सोचिए एक गरीब परिवार में जन्मे युवा किन-किन कठिनाइयों से गुजरता होगा. गरीबी में पैदा होना किसी की गलती नहीं है. गरीबी में पैदा हुए युवाओं को शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए. शिक्षा ही वो सबसे बड़ा हथियार है. जिससे गरीबी रेखा को लांघकर समाज कल्याण का काम कर सकते है. परिवार को ऊपर उठा सकते है. दुनिया के सबसे बड़े अमीरों में शुमार बिल गेट्स का यह वक्तव्य किसी प्रेरणा से कम नहीं है. बिल गेट्स कहते है कि  '' अगर गरीब पैदा हुए तो आपकी गलती नहीं, लेकिन गरीब मरते हो तो आपकी गलती है'' भारत में करीब 32 ...