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100 के पार पेट्रोल, फिर क्यों ना हो 'सरकार' ट्रोल !

 महंगाई शब्द गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का कभी पीछा नहीं छोड़ता. इस बार महंगाई के टेस्ट में पेट्रोल की कीमत ने शतक लगा दिया. राजस्थान के श्रीगंगानगर में कीमत तीन अकों में पहुंच गई. ऐसा पहली बार हुआ है. आमजन में तराहीमाम मचा हुआ है. केंद्र सरकार मिशन बंगाल में व्यस्त है.

 प्रदेश सराकरें भी बहती गंगा में हाथ धो रही है. यानी केंद्र सरकार ने तेलों की बढ़ी कीमतों का चाबुक चलाया, तो वहीं राज्य सरकारें भी वैट बढ़ाकर रेवेन्यू जुटाने की जुगत में लगी है. 

वहीं पड़ोसी देश हम भारतीयों को खुब चिढ़ा रहे है.... क्योंकि भारत से पेट्रोल-डीजल कीमते, पड़ोसी देशों में सस्ता है, बात करें कि श्रीलंका की तो, यहां 60.26 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है. भूटान में 49.56 रुपए प्रति लीटर है. 

इतना ही नहीं, दूसरे देशों से आर्थिक मदद की भीख मांगने वाले हमारे 'प्रिय दुश्मन' पाकिस्तान में 51.14 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है. कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान भी पेट्रोल को लेकर आवाम पर रहमत पर कर रहा है.

 लेकिन हिंदुस्तान में, चाहे कोई भी सरकारे हो, रेवेन्यू बढ़ाने के लिए आतुर रहती है.  वहीं नेपाल में ओली के राज में पेट्रोल, भारत से सस्ता है. यहां पेट्रोल की कीमत  68.98 रुपए प्रति लीटर है.  बांग्लादेश में 76.41 रुपए प्रति लीटर है. 

स्वभाविक है, विदेशी कीमतों को जानकर आप ठगा सा महसूस कर रहे होंगे.  लेकिन इतनी महंगाई बढ़ने के बावजूद ज्यादातर भारतीय कुछ नहीं बोल रहे है. यहां तक की बाकी मु्ददों पर बिना समझ के एक्सपर्ट बनने वाले फेसबुकिए विशेषज्ञ मौनी अवस्था में चले गए..

- अणदाराम बिश्नोई

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