भारत में बेरोजगारी के सबसे बड़े कारणों में प्रमुख कारण कार्य क्षेत्र के मुताबिक युवाओं में स्किल्स का भी नहीं होना है। साफ है कि कौशल को बढ़ाने के लिए खुद युवाओं को आगे आना होगा। क्योंकि इसका कोई टॉनिक नहीं है, जिसकी खुराक लेने पर कार्य कुशलता बढ़ जाए। स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद युवाओं को लगता है कि कॉलेज के बाद सीधे हाथ में जॉब होगी। ऐसे भ्रम में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हर दूसरा स्टूडेंट रहता है। आंखें तब खुलती है, जब कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में वो स्वत : शामिल हो जाते है। क्योंकि बिना स्किल्स के कॉर्पोरेट जगत में कोई इंटरव्यू तक के लिए नहीं बुलाता है, जॉब ऑफर करना तो बहुत दूर की बात है। इंडियन एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी कमी- सिर्फ पुरानी प्रणाली से खिसा-पीटा पढ़ाया जाता है। प्रेक्टिकल पर फोकस बिल्कुल भी नहीं या फिर ना के बराबर होता है। और जिस तरीके से अभ्यास कराया जाता है, उसमें स्टूडेंट्स की दिलचस्पी भी उतनी नहीं होती। नतीजन, कोर्स का अध्ययन के मायनें सिर्फ कागजी डिग्री लेने के तक ही सीमित रह जाते है। बेरोजगारों की भीड़ को कम करने के लि
अणदाराम बिश्नोई का ब्लॉग
आप को देख कर युवा शक्ति की परिभाषा और सशक्त होती है. भगवान् राम भी युवा थे.
जवाब देंहटाएंपगडंडी से संसद तक नौजवानों ने अपना लोहा मनवाया है. आप भी उसी कश्ती की सवारी कर रहे हैं, लेकिन बैठने के हुनर के साथ. जो आज कि अधिकांश मीडिया नहीं कर पा रही है.
मैं आपकी इस यात्रा में शामिल होना चाहता हूँ. जिसमे युवा, गरीबी, पर्यावरण, तकनीक, विज्ञान, अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध, कुपोषण, राजनीति, अर्थव्यवस्था और वो तमाम मुद्दे जिनका देश-विदेश से सम्बन्ध हैं.
वैसे तो मैं कई विषयों पर लिखता हूँ लेकिन सामाजिक विषयों पर लिखने में खासा दिलचस्पी है. मेरी शैक्षणिक पृष्ठभूमि सामाजिक, राजनीति, शिक्षा और भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यवहारिक पहलुओं पर रही है.
मुझे शायरी और कविता पढना पसंद है. लगभग हर बात पर इस्टैंट शेर-ओ-शायरी बोलने के लिए जाना जाता हूँ.
Sir test vacancy kab aati h or test vacancy online aati h ya offline or jab test vacancy aati h to kon se name se show karti h
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