नतीजे आ गए. एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 300 प्लस सीटें हासिल की. और खुद बीजेपी ने 303 सीटें हासिल की है. वहीं यूपीए सिर्फ 96 सीटों पर और कांग्रेस 52 सीटों पर सिमट कर रह गई हैं. इसी बीच एक बार फिर EVM को विपक्ष मुद्दा बना रहा हैं. आपको बता दे कि नतीजों के एक दिन पहले विपक्ष की 22 पार्टियां इसी मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने विपक्ष की सारी बातों को सिरे से खारिज कर दिया था. एक बात और , EVM को लेकर पहले से ही विपक्ष सवाल उठाता रहा है. तो क्या विपक्ष, मुद्दा नहीं होने के कारण और हार का सामने होने से सवाल उठाता हैं ? या फिर वाकई EVM में गड़बड़ी , सुरक्षा में सेंध लगाकर की जाती हैं ? यह सबसे बड़े सवाल हैं. क्योकि 2014 के बाद पांच साल मोदी सरकार रहीं. तो क्या पांच साल में मोदी सरकार ने इतना तोड़ निकाल लिया कि EVM में सेंधमारी की जा सकती हैं ? इन सारे सवालों के बीच सवाल यह भी उठता हैं कि आखिर मोदी सरकार में ही EVM को बदनाम किया जा रहा हैं. या फिर पहले भी ऐसा होता आया हैं ? नवम्बर 1998 में 16 विधानसभाओं के चुन
अणदाराम बिश्नोई का ब्लॉग