"नजरिया- एक युवा सोच" जैसा कि शीर्षक से ही स्पष्ट होता है कि लेखक के मन में क्या है? पुस्तक के बारे में कुछ कहने से पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि भविष्य युवाओं का ही है। जिस देश में युवा ताकतवर होंगे, वह देश ताकतवर होगा। आज राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो प्राय: सभी राजनीति दल भी इसी राह पर चल रहे हैं और युवाओं का आगे कर रहे हैं। हमारे देश में भी युवाओं की अच्छी खासी आबादी है। युवाओं में असीम ऊर्जा होती है। वह कुछ भी कर गुजरने में सक्षम होते हैं। जिसने भी युवाओं को पहचान लिया, समझो उसने भविष्य पहचान लिया। इसके बावजूद आज युवाओं के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। सरकार की नीतियां भी युवाओं का केन्द्र में रखकर बनती हैं। युवा पीढ़ी ताकतवर रहेगी तो हम ताकतवर रहेंगे। युवा शिक्षित होंगे तो देश शिक्षित होगा। युवाओं के कंधे पर ही सब कुछ टिका है। लेखक अंकित कुंवर स्वयं एक युवा हैं और जाहिर है कि उन्होंने इस सोच को जागरूक करने के लिए अपने लेखों का ताना-बाना बुना है। चार खंडों में विभक्त इस संग्रह में लेखक ने अपने लेखों को शामिल किया है। इन लेखों में समाज में फैली विसंगतियों को ...
अणदाराम बिश्नोई का ब्लॉग