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मार्च, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तस्वीर-ए-बयाँ : नवरात्री भण्डारे में इतनी लम्बी यह कतार बहुत कुछ कहती है, आप खुद देखे

यह तस्वीर शायद दिखने में तो आप को सामान्य लगे । लेकिन अगर आप गहराई से इसे बड़े गौर से देखोगे तो बहुत कुछ बयां कर रही हैं। यह तस्वीर मैने खुद आज कॉलेज से आते व्यक्त रास्ते में क्लिक की हैं, जहां पर एक भण्डारा चल रहा हैं। काफी बच्चे व महिला-पुरूष कतार में दिख रहे हैं। काफी भीड़ नजर आ रही है । परन्तु यह तो आगे का नजारा है दोस्त! पीछे लगभग 30 मीटर लम्बी कतार देख मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ । देखा की इसमे सारे के सारे गरीब लोग हैं ,जिसमें महिला व बच्चो की तादाद काफी ज्यादा हैं। मुझे यह सब देखकर खुशी भी हुई और दु:ख भी ....… खुशी तो इसलिए , की कम से कम आज तो यह गरीब लोगो को भरपेंट खाना मिल जायेगा। और शुक्रिया उन लोगो का,जिन्होने यह भण्डारा लगाया। दु:खी इसलिए , की अपने देश अभी कितने लोग गरीब हैं। आखिर इनकी गरीबी कब दुर होगी? युनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर हर घण्टे 22000 बच्चे भूखे के कारण मरते  हैं। जो कि बहुत चिंतनीय हैं ! ↔↔↔↔↔↔↔↔ 🆓 आप अपना ई- मेल डालकर हमे free. में subscribe कर ले।ताकी आपके नई पोस्ट की सुचना मिल सके सबसे पहले। ⬇⏬subscribe करने के लिए इस पेज पर आगे ब

वीडियो : नेताओ के रामराज्य मे कितनी सुरक्षित है महिलाएँ, खुद देखिए उनकी दास्ताँ

Reporting by Mr. Andaram Bishnoi Founder & Editor ,DelhiTV Mr. Shivam Shukla Managing Editor, DelhiTV

जागो सरकार जागो ! देश का युवा सड़को पर हैं ,

सीबीआई जांच से कम कुछ भी स्वीकार नही:एसएससी छात्र एसएससी की परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ 27 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का जोश अभी तक निरंतर देखने को मिल रहा है *सीबीआई जांच से कम कुछ भी स्वीकार नही: एसएससी छात्र * एसएससी की परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ 27 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का जोश अभी तक निरंतर देखने को मिल रहा है कल 24 मार्च को विश्व अर्थ आवर दिवस के उपलक्ष्य में मुखर्जी नगर दिल्ली में हजारों छात्र छात्राओं ने प्रकृति को बचाने एवं बिजली बचाने का संदेश दिया जिसके समर्थन में क्षेत्र की आम जनता ने भी छात्रों का साथ दिया और बिजली बचाने के तरीकों पर चर्चा की, साथ ही साथ SSC में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए टॉर्च मार्च निकाला। SSC के छात्रों ने प्रकृति में संतुलन बनाने के साथ-साथ आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया और सरकार को उनकी मांगों को बिना कोई शर्त और पूर्ण तरीके से मानने के लिए अल्टीमेटम दिया जिसमें सभी ने 31 मार्च 2018 युवा हल्लाबोल कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित करवाई और दिल्ली च

वीडीयो : SSC पीड़ीतो को क्या आश्वासन दिया राहुल गांधी ने ?

वीडियो : SSC पीड़ितो़ की जुबानी,

अच्छे दिन को तरसता किसान

कृषि  को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता हैं,इस तरह की जुमले बाजी करके नेतागण वोट बँटोरने में कामयाब तो हो जाते हैं। परन्तु शुरूआत से ही छोटे,गरीब व मंझोले किसानो को दर-दर  कई समस्याओ से सामना करना पड़ रहा हैं।सरकार के द्वारा किसान-हित में की गई घोषणा-बाजी  की  कमि नहीं हैं, कमि है तो जमीनी स्तर के काम की  । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा चलाई गई ' प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना'  भी कोई खास असर नही दिखा पाई,उल्टे किसानो को लुट कर प्राईवेट बीमा कंपनियो को लाभ पहुचाया गया। किसानो को बीमा कवर के रूप में छत्तीसगढ़ में किसी को 20 रूपये तो किसी को 25 रूपये के चैंक बांटे गये।   वही हरियाणा के किसानो ने सरकार पर आरोप लगाया कि फसल बीमा योजना के नाम पर बिना बतायें ,किसानो के खाते से 2000 से 2500 रूपये तक काटे गये। लेकिन वापस मिले 20-25 रूपये । फसल की उपज लागत ,फसल की आय सें अधिक होती हैं। जिसके कारण दो वक्त की रोटी पाना भी मुश्किल होता हैं। राजस्थान के जोधपुर जिले के रणीसर ग्राम  में रहने वाले किसान सुखराम मांजू  बताते है, "पिछली बार जीरें की फसल खराब मौंसम की वजह से

त्रिपुरा चुनाव : 25 साल से जीतती आ रही गरीब मुख्यमंत्री की सरकार को अचानक क्या हो गया ?

माणिक सरकार पिछले 25 सालो से त्रिपुरा में जीतती आती रही हैं ,परन्तु अब 2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव मे कैसे पिछड़ गई??? हर किसी को यही सवाल परेशान कर रहा हैं। पहले आप यह जान लो ⤵ क्या हुआ ? त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में माणिक सरकार हार गई,जो पिछले 25 साल से राज कर रही थी। माणिक सरकार की पार्टी CPM को सिर्फ 50 मे से 16 सीटों पर ही जीत मिली। बीजेपी ने इस बार बड़ी कामयाबी पाई हैं। 43% वोट शेयर बीजेपी को मिले हैं। पिछले चुनाव 2013 पर नजर डाले तो बीजेपी की 50 मे से 49 सीटो पर जमानक जब्त हो गई थी और केवल 1.87% ही वोट मिले। जिसकी 1 की जमानत जब्त नहीं हुई, वो भी नहीं जीत पाये। इस तरह से देखा जाये तो 5 साल बाद बीजेपी ने ऐसा कौनसा जादू चला दिया कि 25 साल से त्रिपुरा की जनता के दिलो में राज करनी वाली पार्टी CPM मात खा बैठी। माणिक सरकार निशाने पर क्यो? माणिक अपने मुख्यमंत्री के रूप में मिलने वाले वेतन सरकारी फंड मे दान करता था। अब आप सोच सकते है कि कितने ईमानदार व नेक व्यक्ति त्रिपुरा की जनता को मिला हुआ था। जिसके कारण 25 साल माणिक सरकार की पार्टी जीतती आ रही थी। तो फिर जनता ने आ