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बच्चा चोरी का शक, भीड़ तंत्र के शिकार होते अनजान और ठंडे बस्ते में कानून

अफवाहों के दौर में मॉब लिंचिंग शब्द स सुर्खियों में बना हुआ है। इस शब्द के साथ एक शब्द और जुड़ गया, वह बच्चा चोर। हमारे देश में बात का बतंगड़ बहुत ज्यादा देखने को मिलता है।  बात चाहे फिर बच्चा चोरी अफवाहों की हो या फिर कच्छा धारी गैंग की।  जोधपुर (राजस्थान) : बच्चा चोरी की शक में भीड़ द्वारा युवक के नाखून निकालने की कोशिश की गई   देशभर में कई इलाकों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई और होती जा रही है। राजस्थान और मणिपुर सरकारों ने प्रदेश में भीड़तंत्र से होती मौतों को रोकने के लिए कानून तक बनाया। लेकिन असर क्या हुआ ? यह बड़ा सवाल है। उदाहरण के तौर पर राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी तहसील में पैदल जा रहे जातरू को भीड़ ने घेर लिया।  और बच्चा चोरी के शक में जातरू युवक की जमकर पिटाई कर दी । पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया। लेकिन आरोपी पुलिस के गिरफ्त से अभी भी दूर है । वही बात करें उत्तर प्रदेश की 1 सितंबर 2019 तक प्रदेश में 45 से ज्यादा मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा जुलाई 2019 से लेकर अब तक दिल्ली समेत पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारख