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अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जानिये, कहाँ पर ली एक चूहे ने सेल्फी !

अजब गजब |सेल्फी लेना हम सब को पसन्द है। परन्तु क्या आपने कभी सोचा हैं , चूहे भी सेल्फी ले सकते हैं ! जी हां ! एक चूहे ने यह कमाल कर डाला । जाने कैसे ? आज के समय में जिसके पास मोबाईल है, वह सेल्फी लेने से कतई नहीं चूकता हैं। परन्तु न्युयोर्क सिटी के एक रेल्वे स्टेशन पर चूहे ने अपनी सेल्फी खुद मोबाईल से खिंच डाली। अब यह सब पढ़ के आप के जुबान पर बॉलीवुड गाने की चन्द लाईन जरूर याद आ गई होगी-     "चल बेटा सेल्फी ले लें रे ...." लेकिन यह सब पढ़ के आप को विश्वास नहीं हो रहा होगा कि आखिर भला एक चूहा अपनी सेल्फी खुद कैसे क्लिक कर सकता है? क्या न्युयार्क में चूहे इतने समार्ट है? क्या चूहो को भी फैंशन का शौंक चढ़ गया ? क्या चूहे मोबाईल की भाषा समझते हैं? ना....बाबा  ना.. इतने सवालो में मत उलझइयें। पहले जान तो लीजिए आखिर यह सब कारनामा चूहे ने कैसे कर डाला? एक शख्स न्युयार्क सिटी के रेल्वे प्लेट फॉर्म पर लेटकर अपनी ट्रेन की इन्तजार में सो रहा था। उसे जैसे ही हल्की आंख लगी,मतलब हल्की नींद आयी। तो एक चूहे वहां आकर खेलने लगा। खेलते खेलते चूहां शख्स के पैर पर चढ़ गया। जिससे शख्

सावधान ! आप के आस-पास भी घुम रहे है कई आशाराम

आशाराम को तो जेल उम्रकैद हो गई। लेकिन यह सोच लेना ठीक नही होगा कि इससे आशाराम जैसे हवस के पुजारी कुछ सबक लेगे। हमारे आस-पास ऐसे कई आशाराम जैसे वृद्ध मिल जायेगे,जिनके अन्दर हमेशा हवस की आग सुलगती रहती हैं। बलात्कार कोई भी करे ,यह एक घिनौना कुकर्म हैं। परन्तु जब आशाराम जैसे वृद्ध और धर्मगुरू बनकर बलात्कार जैसी घटनाओ को अंजाम दे, सोचनीय योग्य हैं। आखिर इस अत्याधुनिक युग में हम किस तरफ जा रहे हैं? बुढ्ढ़े भी बलात्कार में पीछे नही यह जानकार आप जरूर चौंक जायेगे कि आखिर वृद्ध के दिमाक में ईश्वर नाम स्मरण की जगह ,  हवस की इच्छा कैसे जगती हैं। सरकारी आंकड़ो पर नजर डाले तो पता चलता की हर 1 घण्टे में चार बलात्कार होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड - 2015 के अनुसार 34 हजार से ज्यादा बलात्कार पुरे देश में हुआ। जिसमें बुढ्ढ़े का काफी बड़ा हाथ हैं। इसमें एक बात गौर करने योग्य हैं कि वृद्ध खासकर बच्चीयों के साथ यौन शोषण करते हैं।      हाल की घटना हैं, देश की राजधानी नई दिल्ली के मंगोलपुरी क्षेत्र में छह साल की मासूम बच्ची को पड़ोस में रहने वाले 60 साल के बुजुर्ग ने अगवा कर दुष्कर्म किया। इस

Documentary: गरीब कब तक बेघर || जरूर देखे !

( नोट : यदि यहां पर वीडियो प्ले होने में परेशानी आ रही है तो आप DelhiTV के Youtube चैंनल पर इस वीडियो को बिना किसी रूकावट के देख सकते हैं। देखने के लिये यहां  Youtube/DelhiTV पर क्लिक  करें ) • Directed by: Assim Bhatt Harshit Raj Malik Madeed Andaram Bishnoi Take One School of Mass Communication New Delhi • Produced By :  Andaram Bishnoi DelhiTV.in • Camera By: Assim Bhatt • Script Writing By : Andaram Bishnoi • Voice Over By: Andaram Bishnoi •  Music By: Royalty Free

SSC घोटाले की सुनवाई, सुफ्रीम कोर्ट ने दिये अहम निर्देश

एसएससी परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फ़ैसला सुनाया है। देश की शीर्ष अदालत ने एसएससी छात्रों के वकील प्रशांत भूषण को एक सप्ताह में इस मसले पर डीओपीटी सचिव को रिप्रेजेंटेशन देने को कहा है। साथ ही, केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि अगले 6 सप्ताह में रिप्रेजेंटेशन में उठाये गंभीर मुद्दों पर आदेश जारी करे। फैंसले का स्वागत अदालत के निर्देश का स्वागत करते हुए युवा हल्लाबोल आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने कहा कि आज का यह फ़ैसला एसएससी छात्रों के लिए एक सकारात्मक दिशा में बढ़ा कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार अब भी देश की 65% युवा आबादी के सबसे गम्भीर मुद्दे पर सुनवाई करे और छात्रों को भरोसा दिलाये कि सरकारी नौकरियों में चयन ईमानदारी और मेरिट से होगा, न कि पैसा या पैरवी से। अनुपम ने कहा कि देशभर के युवा अब इस मसले पर एकजुट हो रहे हैं और आने वाले समय में अपने हक़ के लिए बड़े से बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। यह भी पढ़े   SSC घोटाला : सरकार ने नहीं सुनी तो जला डाले प्रवेश पत्र और किया परीक्षा का बहिष्कार ( क्लिक करें )

कभी रेल्वे ट्रैक के पास झोपड़-पट्टी मे पला-बढ़ा ,आज बिखेर रहा बॉलीवुड फिल्मो में जलवा

बॉलीवुड का वह हीरो ,जो Real Life में भी हीरो ! गुलाब सलाट इन्ही का नाम हैं। एक ऐसा हीरो जिनका जीवन गरीबी मे बिता। कहते है ना ,की मेहनत करते है तो कुछ भी असंभव नहीं हैं। यही कहावत गुजराती व बॉलीवुड का उभरता सितारा गुलाब सलाट पर फिट बैठती हैं। मेहनत का रंग क्या होता है यह आप इनसे पुछियें। कभी रेल्वे ट्रैक के पास झुग्गी झोपड़ी मे पला-बढ़ा लड़का आज बॉलीवुड की फिल्मो में काम कर चुके हैं। झुग्गी से निकल कर एक्टीग तक का सफ़र गुलाब सलाट का जन्म एक गरीब परिवार के घर में हुआ। बचपन उनका गुजरात के आनन्द शहर की रेल्वे पटरी के पास बनी झुग्गी झोपड़ी मे बीता क्योकि उनके पिताजी तम्मा भाई सलाट एक गरीब मजदुर थे। शुरू में बहुत ही कम दिहाड़ी मजदुरी करके कमा पाते थे। जिसके चलते केवल दो जुन रोटी का ही जुगाड़ हो पाता था।                          परन्तु गुलाब ने बचपन से ही एक सफल बॉलीवुड एक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। गुलाब कहते है " मेरे पिताजी बहुत गरीब थे तथा उनकी एक ही ख्वाहिश थी कि मेरा बेटा बड़ा बनकर एक अच्छा फिल्मों का हीरो बनकर एक्शन  दिखाएं "  परिवार में माता-पि

SSC घोटाला : सरकार ने नहीं सुना तो जला डाले प्रवेश पत्र और किया परीक्षा का बहिष्कार

युवा हल्ला बोल के छात्रों नें देशभर में एसएससी के प्रवेश पत्र को जलाकर  परीक्षा बहिष्कार का किया फैसला SSC पीड़ीत छात्र नई दिल्ली में प्रवेश पत्र जलाते हुवें देश भर में एसएससी छात्रों ने सरकारी उदासीनता और अपनी समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता के विरोध में अपना प्रवेश पत्र जलाकर परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किया । छात्रों का विरोध प्रदर्शन  देशभर में दिल्ली,जयपुर,पटना, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ,  भोपाल,ग्वालियर बैंगलोर ,कानपुर,भागलपुर,मधेपुरा,राँची,कोलकाता,अहमदाबादऔर रोहतक जैसे बड़े शहरों सहित छोटे-छोटे अन्य शहरों में भी हुआ।एक महीने से भी ज्यादा दिनों से अपने हक के लिए लड़ रहे छात्रों ने इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखा है।छात्रों की इस मुहिम को देशभर के छात्रों का समर्थन मिल रहा है। पीड़ीतो ने यूँ बयाँ किया अपना दर्द एसएससी घोटाले के खिलाफ विरोध करने वाले छात्रों में से एक छात्र ने कहा, "सरकार ने पहले हमारे आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की और जब हमने एक रैली आयोजित की तब उसपर पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया, लेकिन हम हार न

वीडियो: सुन लो सलमान के फैंस क्या कह रहे है ? जेल जाने के लिये तैयार !

Reporter : Andaram Bishnoi                     &                    Shivam Shukla Location: New Delhi

आखिर कौन है यह बिश्नोई समाज, जिसने सलमान को खिलाई जेल की हवा

सलमान को 20 साल तक मुंबई से जोधपुर तक घसीटने में बिश्नोई समाज की अहम् भूमिका रही हैं। परन्तु पहले यह तो जान लो की आखिर यह समाज हैं कौन ?  राजस्थान के मरूस्थल में अगर आपको कहीं चिंकारा ( हिरण) दिखता है , समझ लेना आप बिश्नोईयो के गढ़ मे प्रवेश कर चुके हो। मै ऐसा इसलिए लिख रहा हुँ, क्योकि बिश्नोई ही एकमात्र ऐसा समाज है जो चिंकारा व वन्य जीवों का शिकार नहीं करता हैं और उन्हे संरक्षण देता हैं। बिश्नोई समाज के लोग इनकी रक्षा के लिए अपनी जान तक देनो को तत्पर रहते हैं। इनके कई उदाहरण आज की तारीख में मौजुद है,जिसमें बिश्नोई युवको ने शिकारीयो से वन्य जीवो को बचाने के प्रयास मे खुद गोली खाई। कैसे हुआ बिश्नोई समाज का उद्भव आज से करीब साढ़े पाँच सौ साल पहले राजस्थान के बीकानेर जिले के समराथल नामक रेत के धोरे (बालु स्तुंभ) पर गुरू जंभेश्वर महाराज ( जिसे विष्णु भगवान का अवतार माना जाता हैं ) ने अभिमंत्रित पवित्र पाहल ( मंत्रित पानी) पिलाकर अपने कुछ शिष्यो को जीवन जीने का नया पथ(रास्ता) दिखा कर बिश्नोई पंथ (समाज/संप्रदाय)  की स्थापना की थी। साथ में शिष्यो को 29 नियम बताये। बिश्नोई = 20

क्या मोदीजी देश के युवाओ को बेवकुफ़ बना रहे हैं ?

मोदी राज में  रोजगार आंकड़े क्या कहते हैं ? कितने खुश हैं मोदी जी से युवा ? मोदी सरकार ने कितना दिया रोजगार ? मोदी जी अपने रोजगार के चुनावी वादे में कितना उतरे खरे ! जानिए और भी बहुत कुछ ....... मोदी राज की रोजगार व्यवस्था के बारे में     देश के नौजवानो को साल 2014 को वह दिन याद होगा,जिस दिन मोदी जी अपने चुनावी रैंली में बेरोजगारो पर रोजगार की कृपा दृष्टी करने का वादा किया था। इन वादो को सुनकर तो सभी को यही लग रहा था कि देश में बेरोजगारी की बीमारी काफी कम हो जाएगी। परन्तु यह कम होने के बजाय महामारी का रूप ले रही हैं। जिसमें SSC जैसी परीक्षाओं में नकल, धांधली व परीक्षा निरस्त होना 'आग में घी ' का काम कर रही हैं। क्या था मोदीजी का वादा ? हर साल 2 करोड़ बेरोजगारो को रोजगार देने का मोदीजी का वादा था। यानी पुरे 5 साल के कार्यकाल में 10 करोड़ को रोजगार देना का लक्ष्य था।             परन्तु यह लक्ष्य कामयाब होता नजर नहीं आ रहा हैं और बेरोजगार के लिए मोदी जी वादा एक परिकथा की तरह ही रह गया हैं। क्योकि मोदी सरकार को सत्ता में आये चार साल होने वाले हैं। लेकि