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जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या बैंको का लोन आम आदमी के लिये विज्ञापनो तक ही सिमित है?

बैंको के लोन देने का विज्ञापन आपने जरूर देखे होगें। इन विज्ञापनो को देखकर एक बार तो हम जैसे आम आदमी को तसल्ली जरूर मिलती है की कहीं लोन लेकर छोटे कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं। जब लोन के पुछताछ के लिए बैंक मैनेजर से बात का सिल-सिला शुरू होता हुआ ,आखिरकार  यह बात का सिल-सिला निराशा का मोड़ ले लेता हैं। कह देते है मेरा ट्रान्सफर होने वाले है या अभी काम ज्यादा हैं एक महीने बाद आना  ,इस तरह के  न जाने मैनेजर और क्या क्या बहाना बनाता हैं। मेरे साथ भी यही हुआ जब मै अपनी SBI होम ब्रांच(घर के नजदीक) में कॉलेज के द्वारा भेजे कागजात लेकर पत्रकारिता की स्नातक डिग्री के लिए लोन लेने गया। आखिर क्यो आम आदमी के साथ यह छलावा किया जा रहा हैं। बड़े बड़े उद्योगपत्तियो को हजार करोड़ो में लोन आसानी से मिल जाता हैं। हम जैसे को केवल 4 लाख का लोन देने से भी कतराते हैं, जबकि हम लोन की सारी शर्ते पुरी करते । अभी विजय माल्या के बाद नीरव मोदी 11400 करोड़ के आस पास की बड़ी रकम लोन के रूप में डकार कर विदेश भाग गया। उसकी सारी संपति जब्त करे तो भी लोन उसका मात्र 20% रूपया कवर होगा  बाकी 80% रूपये तो कभ

एसएससी परीक्षा : 'युवा हल्लाबोल' की जीत, सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई समिति

• एसएससी मामले में युवा-हल्लाबोल की एक और जीत, परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट समिति • युवा-हल्लाबोल ने प्रेस कांफ्रेंस कर चेताया था सरकार को, बेरोज़गारी ख़त्म करने का पेश किया था रोडमैप • 12 जनवरी को युवा हल्लाबोल के छात्र विवेकानंद जयंती पर करेंगे देश के 40 से ज्यादा शहरों में युवा-पंचायत, बेरोजगारी और परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर बनाए मांगपत्रक को छात्रों से कराएंगे एडाप्ट • 27 जनवरी को दिल्ली में होगा यूथ समिट, बेरोजगारी दूर करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगा युवा-हल्लाबोल दिल्ली, 10 जनवरी। एसएससी परीक्षाओं में होने वाली धांधली और भ्रष्टाचार के सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका की आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। छात्रों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पेश हुए और सरकार के हठधर्मी रवैये के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और कहा कि यह समिति भविष्य में होने वाली प

#संडे_कवर : कर्जमाफी बना वोटबैंक का हथियार

वोटबैंक भारतीय राजनीति में कोई नया शब्द नहीं हैं। आजादी के बाद कई दशकों से पार्टियां सत्ता हथियाने के लिए कई तरह से जुगाड़ और दांव-पेच लगाती रहीं हैं। जिसमें कभी सफलता मिल जाती हैं, और कभी निराशा भी। उसी में से एक हैं - वोटबैंक। उदाहरण के लिए अभी हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को तीन राज्यों में सत्ता हाथ लगी। इस जीत के पीछे के कारणों में से किसानों की कर्जमाफी भी एक अहम कारण माना जा रहा हैं। वोटबैंक क्या हैं? वोटबैंक का संबंध समाज के उस वर्ग से हैं, जो किसी कारण वश (राजनैतिक/धार्मिक/जातिगत इत्यादि) राजनीतिक दल को जीताने में योगदान देते हैं। उसे वोटबैंक कहते हैं। अब कर्जमाफी वोटबैंक का कारण बनती जा रही हैं। राजनीतिक दल किसान वर्ग को कर्जमाफी का लालच देकर वोट हथियाने का जुगाड़ बना रहे हैं। कर्जमाफी का वादा कर गया काम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया था कि सरकार बनते ही 10 दिन के भीतर किसानों का कर्जमाफ कर दिया जाएगा। जिसके कारण कर्ज से जुझते किसान कांग्रेस के वोटबैंक बन गए। जब चुनावी नतीजें आए, तो

सीसैट पीड़ित UPSC छात्र पांच दिन से भूख-हड़ताल पर, लेकिन सरकार कर रही अनदेखा

• युवा-हल्लाबोल द्वारा समर्थित यूपीएससी छात्र कर रहे हैं क्षतिपूरक प्रयास की मांग • ढाई सौ से ज़्यादा सांसदों के समर्थन पत्र के बावजूद छात्रों की सुनवाई न होना सरकार के युवा विरोधी चरित्र को दर्शाता है: अनुपम • एसएससी से लेकर यूपीएससी तक छात्रों के हर प्रदर्शन के प्रति मोदी सरकार ने दिखाया है संवेदनहीन और अलोकतांत्रिक रवैय्या: युवा-हल्लाबोल दिल्ली | यूपीएससी परीक्षाओं में क्षतिपूरक प्रयास की मांग को लेकर दिल्ली के मुखर्जीनगर में युवा-हल्लाबोल समर्थित सीसैट पीड़ित छात्रों का प्रदर्शन आज पाँचवे दिन भी जारी रहा। मांगों को लेकर पाँच छात्रों के भूख-हड़ताल पर बैठे होने के बावजूद अब तक सरकार की तरफ़ से कोई आधिकारिक संवाद स्थापित नहीं किया गया है। युवा-हल्लाबोल आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने बताया कि वर्ष 2011 में संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट प्रणाली की शुरुआत की थी, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के प्रति भेदकारी था। बाद में निगवेकर कमिटी की रिपोर्ट ने पुष्टि किया कि सीसैट परीक्षा प्रणाली भारतीय भाषाओं के छात्र और ग़ैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियो

सिनेमा से सियासी जंग, लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बनाएगी पीएम मोदी पर फिल्म

पूर्व प्रधानमंत्री (पीएम) डॉ. मनमोहन सिंह पर बनी, अनुपम खेर की फिल्म 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' 11 जनवरी को रिलीज होगी। भारत के इतिहास में यह पहली सियासी फिल्म हैं, जो राजनेता पर बनी हैं। लेकिन अब लग रहा है कि सिनेमा से सियासी जंग का युग शुरू होने जा रहा हैं। क्योकि कांग्रेस खेम्में से मोदी पर फिल्म बनाने के लिए मंथन चलने की खबर आ रही हैं। Poster of  'The Accidental Prime Minister'  पंजाब में 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर बैन का कयास थम गया हैं। साथ ही अमृतसर पश्चिम से कांग्रेस विधायक राजकुमार वेरका ने प्रधानमंत्री पर फिल्म बनाने की बात कही है।  वहीं चर्चा यह भी चल रही है कि मुबंई कांग्रेस इकाई के दिग्गज नेता फिल्म-निर्माताओं के सम्पर्क में हैं। जल्द ही लोकसभा चुनाव के ऐन मौकें पर मोदी पर वार करने के लिए फिल्म रिलीज कर दी जाएगी। हांलाकि फिल्म के नाम को लेकर कई कयास लगाएं जा रहे हैं। कांग्रेसी समर्थक सोशल मीडिया पर मोदी पर तंज कसते हुए कई तरह नाम सुझाकर, सिनेमा-सियासी मुद्दें को हवा देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। 'चौकीदार चोर' से लेकर 'झूठ