सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

2019 में मोदीजी को यह मुद्दें ले डूबेंगे ? : नज़रिया

हमारे देश में लोकसभा चुनाव कई मायनों में और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं , जब देश के सामने कई बड़े मुद्दें और पीएम मोदी जैसे चेहरे की पांच साल की साख दाव पर हो. आपको याद होगा कि 2014 में कांग्रेस लोकसभा चुनाव की बाजी हार गई थी. 14 राज्यों में देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी   ‘ कांग्रेस ’   खाता तक नहीं खोल पाई थी. भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यूपीए-2 (2014 से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार) के 94 फीसदी मंत्री सांसद का चुनाव हार गए थे. यानी मोदी लहर के चलते कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था. वहीं बात करें बीजेपी की तो 2014 में बीजेपी की अब तक का सबसे बड़ी जीत थी. उस वक्त एनडीए में बीजेपी के साथ 29 दल साथ होने के बावजूद भी , बीजेपी अकेली सरकार बनाने में समर्थ थी. बहुमत के आंकड़े 272 को छूते हुए बीजेपी ने 282 सीट पर कब्जा किया था. लेकिन इस बार 2019 में बात कुछ अलग हैं. जिस चेहरे के दम पर बीजेपी ने इतना अच्छा 2014 में अब तक का प्रदर्शन किया था , तो क्या पीएम नरेन्द्र मोदी का पांच साल काम काजों का रिपोर्ट कार्ड जनता को पसंद आएगा   ?  वो वादें क्या

तस्वीर-ए-बयां : बाइक, टीवी सब लेकिन सिर ढक्कनें के लिए नहीं हैं छत

यह दोनो तस्वीरें दिल्ली एनसीआर के एरिया‌ की हैं। पहली तस्वीर भूमीहीन परिवारों की‌ मजबुरी को बयां कर रही हैं। वहीं दुसरी तस्वीर परिवार के हालातों को व्यक्त कर रही हैं। बड़ा अचरज होता है कि टीवी तक हैं लेकिन जमीन नहीं होने के कारण पक्का घर नहीं बना पा रहे हैं।