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नाम बदलने से बदल जाएगी सूरत ?

आपने यह तो सुना होगा- नाम में क्या रखा है.... तो फिर क्यों सरकारें नाम बदलने में लगी है. यह सवाल एक नागरिक के मन में उठना चाहिए. क्योंकि 2018 में योगी सरकार ने उत्तरप्रदेश के शहर इलाहाबाद का नाम बदल दिया. इलाहाबाद से प्रयागराज कर दिया. अब महाराष्ट्र की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार औरंगाबाद का नाम बदलने जा रही है. हालांकि कांग्रेस ने प्रस्ताव का विरोध करने को ठाना है. सन् 1995 में भी शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग की थी. अब करीब 2 दशकों बाद शिवसेना के मुख्यमंत्री है. शिवसेना की मुखपत्र सामना में एक आलेख प्रकाशित हुआ है. जिसमें उल्लेख है कि जल्द ही सीएम उद्धव ठाकरे, औरंगाबाद का नाम बदलने वाले है. औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया जाएगा. शिवसेना का कहना है कि मुगल सेक्युलर शासक नहीं थे.  लग रहा है नाम बदल कर शिवसेना हिंदुओं का दिल जीतना चाहती है. ताकि हिंदू वोट बैंक में खोई हुई साख को वापस पाया जाया.  एक समय था. शिवसेना में BJP से ज्यादा हिंदू समर्थक जुटते थे. लेकिन जब से शिवसेना ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का दामन थामा है. तब से शिवसेना से हिंदुओं का लगाव बाकी राज्यों में कम