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अक्तूबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राजा धीरसेन मार्ग पर बड़ा गड्डा,दे रहा हादसे को न्योता

नई दिल्ली | वैसे कहने को तो दिल्ली महानगर है। साफ सफाई भी हो जाती है। जो कि आप इस तस्वीर मे भी देख सकते है। लेकिन यह इतना बड़ा गड्डा किस के इन्तजार में छोड़ा गया है। यह है ISKON Temple जाने वाले राजा धीरसेन मार्ग पर। जहां मन्दिर होने के कारण शाम को काफी भीड़ रहती है। परन्तु यह तस्वीर मैने  सुबह के करीब 10 बजे ली है। यदि शाम को लेता तो स्थित हर किसी को हिला के रख देने वाली होती ।

यह है महानगर दिल्ली की सड़के, पटाका बैन के बावजुद भी धुंध की ओट में

फोटो खुद बंया कर रही है हकीकत जरा फोटो को बड़े की गौर से देखिए, आखिर क्या असर हुआ पटाका बैन का। हाँ ,इतना जरूरी है की धर्म के नाम सुफ्रीम कोर्ट की टांग अड़ाने की इच्छा जरूरी पुरी हो गई। जनाब पिछली बार भी पटाका बैन न होने के बावजुद भी यही हालात थे। और अब कौनसे बदल गये।  दिपावली से पहले पटाका जुगाड़ की भी खबरे बहुत चली थी। असल में कई लोगो ने तो जुगाड़ करके सुफ्रीम कोर्ट की हेकड़ी भी उतारने की कोशिश की।  अब देखते है, क्या SC हैप्पी न्यु ईयर पर भी पटाका बैन करेगा,क्यो की पर्यावरण संरक्षण का बोझ जो सारा सुफ्रीम कोर्ट के उपर है!!!! बेचारे की याददाश्त बकरा ईद पर , क्रिसमस पर ,शादियो के सीजन में, नेताओ की जीत पर ,पता नही कहां चली जाती है???   लेकिन हिन्दु धर्म के त्योहार पर कौन बादाम खिला देता की झट से पटाका बैन जैसे फैसला दे देता है। 

यह कैसी उल्टी गंगा , महारानी का महाप्रकोप

मोदी जी ने कहा था कि न तो खाने दुगा ओर न खाउगा लेकिन मोदी  पार्टी की सरकार राजस्थान में एक नये बिल लाने की पेशकस के कारण बीजेपी निशाने पर है। क्योकी राजस्थान की मुख्यामंत्री वंसुधरा राजे के नये बिल में एसे नियम है की सरकार के बिना अनुमति के सरकारी कर्मचारियो के खिलाफ मुकदमा नहीं किया जा सकता है। सरकार इसके लाने फायदा यह बता रही है कि बिना वजह से सरकारी कर्मचारियो तंगी के शिकार न हो। सोचने योग्य बात यह है की सरकारी नौकरशाहो से आम आदमी परेशान है ,न की आम आदमी उन्हे परेशान करते है। तो फिर क्या औचित्य है सरकार का??? इस तरह के कानुन लाकर । यह वही उल्टी "गँगा बहाने वाली" बात हो गई । महारानी जी असल मे ही आप जाते समय  अपना महाप्रकोप दिखानेे चाहती हो तो, भ्रष्ट्र अफसरो के खिलाफ कार्यवाही करे, रोजगार के तोहफे दे दीजिएगा। ताकी हम जैसे युवा वर्ग भी खुश हो जायेगा। लेकिन आप के इस कानुन के आने से तो भ्रष्ट्राचार करने को संरक्षण मिलेगा। वैसे भी 2005 की एक अन्तराष्ट्रीय संस्था ( भ्रष्ट्राचार पर निगरानी रखने वाली ) के अनुसार अपने देश का में 62℅ व्यक्तियो सरकारी कार्यो के दौरान नौकरशाहो

बस स्टैण्ड पर पशुओ का आतंक,यात्री परेशान

फलोदी:: राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी तहसील में स्थित शेरानाडा निजी बस अड्डे पर आये दिन पशुओ व यात्रीयो,ठेलेवालो,फेरीवालो के बीच भिड़त होती रहती है। पास मे ही पशुओ को चारा डालने की जगह होने के कारण, पशु हर समय बस अड्डे पर मंडराते रहते है।  कभी कोई गाय किसी यात्री का बैग को मुंह मे पकड़ लेती है तो कभी ठेलेवालो का समान पर। आलम यह है की हर कोई परेशान है लेकिन सब चुपचाप सहन रहे है। आप को बता दे की शेरानाडा फलोदी नगर पालिका द्वारा स्विकृत निजी बस अड्डा है। इसलिए इसका समाधान निकालना चाहिए। आप हमें फेसबुक पर फोलो करे Facebook - Delh TV

Delhi TV पत्रकारिता की नई उड़ान,सावधान हो जाए कानून विरोधी

आज देश की पत्रकारिता बिमारी सी हो गई है। लगता है उसे ठीक करना जरूरी है। क्योकी यह देश के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ जो है। सही मायने में देखा जाये तो अखबार व टेलिविजन खुद कुपोषण के शिकार हो रहै। बिना पोषण के तो कोई कब तक मौत व जीवन के बीच जूझता रहेगा। एक दिन तो अन्त हो जायेगा  यदि लगातार कुपोषण से जुझते रहे तो। यहां तक तो ठीक है की बिना पोषण के तो पत्रकारिता आज की इस मंहगाई व दिखावेपन के दौर में करना नामुमकिन है। पहले जैसे आज वो सारे एक जैसे पत्रकार नही रहे ,जो....अपनी जान भी गवाने को तैयार रहते थे।                   लेकिन कुछ अभी भी,  हमारी (Delhi TV) तरह देश व कानुन विरोधी गतिविधियो को देखकर सीने मे धंधकती क्रांतिकारी आग के कारण रोक नहीं पाते है। सीधे भ्रष्ट्राचारीयो की पोल खोल देते है। दु:ख बात यह है की एसी पत्रकारिता विरले ही बची है। क्योकी उन्हे पोषण जो चाहिए। लेकिन मैने पहले लिखा है की बिना पोषण के अखबार व टीवी जीवित कैसे रहेगा। यह पोषण सही दिशा से आना चाहिए जैसे एड, चन्दा, ईत्यादि। लेकिन हम आप से वादा करते है की ईमानदारी से अपनी जान हथेली पर लेकर पत्रकारिता करते रहेगे। यह हमा