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जैसलमेर की यह ग्राम पंचायत हो गई एक अजीब बीमारी से ग्रस्त, लाख कोशिश पर भी नहीं मिल रहा ग्रामीणो को समाधान !

"साफ नियत , सही विकास" यह प्रधानमंत्री जी ने अब चार साल पुरे होने पर नया नारा निकाला हैं।शायद इसलिये कि देश के गांवो का जमीनी स्तर पर काम  उन्हे मालुन न हो । भला उन्हे मालुम कैसे होगा? जब किसी गांवो के विकास की असलियत को दिखाने के लिये मीडिया तक मुँह फेर ले। ऐसी ही मुसीबत से  जैसलमेर का यह गांव कई अरसो जूझ रहा हैं। 


पाकिस्तान सीमा-बॉर्डर से सटे मदासर गाँव की लगभग पिछले 35 साल से सत्ता एक ही परिवार के हाथ में है। विकास के नाम कागजो में काफी काम हुआ हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कुछेक की नाम मात्र की खानापूर्ति मिल जायेगी,तो कही पर पुरा काम ही गायब मिलेगा। संक्षेप में कहे तो जैसलमेर की इस ग्राम पंचायत के विकास को भ्रष्टाचार ,दीमक की तरह खा रहा हैं। 

इन्दीरा गाँधी नहर के कारण ज्यादातर ग्रामीण खेती-बाड़ी का काम करते हैं। ग्रामीणो के अपने काम में मश्गुल रहने  तथा जागरूकता के अभाव के चलते भ्रष्टाचार की जड़े गहरी जमी हुई हैं।  जिन्हे कुछेक जागरूक लोगो के कवायद से फेंकना मुश्किल हो रहा हैं। प्रशासनिक अधिकारी से लेकर मीडिया वालो तक मदासर सरपंच का बोलबाला हैं। भला ! होगा क्यो नहीं, जब तीन दशक से ज्यादा समय से सत्ता पर काबिज हैं।  
अभी हाल ही में ग्राम पंचायत के द्वारा किये गये कामो की कई अनियमितताएँ सामने आई हैं। पीड़ित दर-दर ढोकरे खाते फिर रहे हैं ,समाधान निकलने की दुर की बात कोई शिकायत सुनने तक तैयार नहीं हैं।

घपले-बाजी का नया खेल
नरेगा योजना के तहत टांका निर्माण की प्रक्रिया में इस ग्राम पंचायत ने एक अलग गड़बड़झाला किया। ग्राम पंचायत मदासर के द्वारा 'अपना खेत अपना काम' योजना के अन्तर्गत लाभार्थी  राजाराम के साथ ठगी का मामला सामना आया, जिसमें टांका निर्माण सामग्री उपलब्ध नही करवा कर ग्राम पंचायत पर सरकारी धन के दुरूपयोग का आरोप हैं।
     मालूम हो इस योजना के तहत चयनित लाभार्थी अपने खेत में भूसमतलीकरण, टांका निर्माण जैसे कार्य करवा सकता हैं। जोकि मनरेगा के तहत  काम होता हैं। मदासर निवासी लाभार्थी राजाराम पुत्र नथुराम ने टांका निर्माण के लिये आवेदन किया तो उसे    निर्माण सामग्री नहीं होने का हवाला देकर खुद की सामग्री से निर्माण करने को ग्रा.पं. के पदाधिकारियो के द्वारा कहा गया। साथ यह भी कहा कि बजट आने पर लाभार्थी राजाराम को भूगतान दिया जायेगा। जबकि योजनानुसार लाभार्थी को सामग्री देने का प्रावधान हैं।
इसके बाद  राजाराम भूगतान को लेकर इन्तजार करता रहा हैं। लेकिन अब पदाधिकारियो ने यह कहकर मना कर दिया कि पीछे से ग्राम पंचायत को भूगतान नहीं हुआ हैं।
राजाराम, निर्मित्त टांका के साथ
अपना खेत अपना काम योजना : यूँ खेला पैसा-गबन खेल

• शुरू में बजट न होने का झांसा देकर ग्राम पंचायत के पदाधिकारीयों नें लाभार्थी को टांका निर्माण सामग्री लाने को कहा। लेकिन योजनानुसार सामग्री ग्रां पंचायत के उपलब्ध करवाती हैं।
• फिर राजाराम ने इस योजना के अन्तगर्त खुद की निर्माण सामग्री से  टांका निर्माण करवाया।
• इस संबंध में राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने पर जवाब आया कि लाभार्थी को ग्राम पंचायत एंजेन्सी द्वारा टांका निर्माण कर लाभान्वित कर दिया गया हैं।
• मतलब साफ हैं कि टांका का निर्माण सामग्री का भूगतान ग्राम पंचायत को प्राप्त हो गया हैं। अब सवाल यहां उठता है आखिर सामग्री का बजट गया कहां?
जिससे साफ जाहिर हैं कि ग्राम पंचायत के पदाधिकारियो ने पैसे गबन का यह एक खेल खेला हैं।
• साथ में अपना इस करतुत को छुपाने के लिये मनरेगा के ऑनलाइन पोर्टल पर लाभार्थी राजाराम के टांका निर्माण विवरण में कार्य को चालू( ऑन-गोइग) बता के रखा हैं। हैंरत की बात यब कि सामग्री की राशी का कोई विवरण नही दिखाया गया हैं। जबकि यह काम 2015-16 फाईनेन्सियल ईयर का हैं।
• इस तरह से आनुमानित 1 लाख 20 हजार के करीब टांका निर्माण सामग्री का बजट गबन हो गया।
(जैसा पीड़ित राजाराम ने बताया)

इसके अलावा सागर राम के निर्माण किये टांके में भी यही मामला हैं। उनके साथ भी ठगी हुई हैं। वहां के एक निवासी बताते है कि "यह तो सिर्फ दो उदाहरण हैं, इसके अलावा न जाने पुरे गांव में कितने लाभार्थीयो का काम इस घपले बाजी के खेल चढ़ गया होगा,"

लगातार अनशन ,लेकिन बेअसर !
ग्रामीणो ने इस बाबत मदासर ग्राम पंचायत के अटल सेवा केन्द्र पर 16 जून से लगातार धरना दिया। परन्तु कोई असर नहीं हुआ ।
मदासर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 15 जून को राजस्व लोक अदालत शिविर का आयोजन हुआ था। उसके बाद से ग्राम पंचायत का कार्यालय लगातार बंद है तथा सरपंच, ग्राम सेवक व एलडीसी मुख्यालय पर नहीं आ रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में पट्टा पंजीयन के लिए नरेगा रोजगार आवेदन, जॉब कार्ड का नवीनीकरण करने तथा जन्म मृत्यु पंजीयन हेतु बार बार चक्कर लगा रहे हैं । साथ ही शिविर के बाद ग्रामीणों द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में अनशन पर सागर राम व राजा राम लगातार धरने पर बैठे हुए हैं । लेकिन अभी तक  कोई प्रशासनिक अधिकारी के नहीं आने से अनशन लगातार जारी है । इन अनशन कर्मियों की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है। प्रशासन नजरअंदाज किए जा रहा है। जिला स्तर तक कोई सुनवाई को तैयार नहीं है । एक तरह से लोकतंत्र की हत्या सी हो गई है । मूकदर्शक बने समस्त प्रशासनिक अधिकारी फोन कॉल पर बता रहे हैं कि  अनशन करने से कुछ नहीं होने वाला है । कांग्रेसी सरपंच द्वारा दीमक की तरह समस्त विकास कार्यों को चट कर  दिया है। अपनी राजनीतिक पहुंच से जिला स्तर तक के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों को भी स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने दे रहा है। जिसके चलते पिछले 35 वर्षों से एक ही व्यक्ति विशेष द्वारा सरपंच पद पर काबिज  होने से करोड़ों की संपत्ति जुटा रखी है, जिस पर कारवाई करने को कोई तैयार नहीं है
अटल सेवा केन्द्र पर धरना देते आक्रोशित व पीड़ित ग्रामीण
यह है कारनामें
पिछले लंबे समय से चल रही ग्रामीणों की मांगे अभी तक पूर्ण नहीं होने पर ग्रामीणों ने अटल सेवा केंद्र पर धरना देकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जैसा कि ग्रामीणों द्वारा पहले भी कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन द्वारा अवगत करवा चुके हैं तथा 15 जून को हुए राजस्व लोक अदालत न्याय आपके द्वार शिविर में ग्रामीणजन उपखंड मजिस्ट्रेट व कलेक्टर के आने की आस लगाए बैठे थे, वही केवल उपायुक्त उपनिवेशन नाचना को भेजकर केवल खानापूर्ति की गई । शिविर में समस्या से संबंधित कुछ प्रार्थना पत्रों की पावती भी नहीं दी गई और जिनकी पावती तो दे दी लेकिन उन मूल प्रार्थना पत्रों को ना तो संबंधित विभाग को दिए और ना ही ऑनलाइन दर्ज किया । जिस से आक्रोशित ग्रामीणों ने धरना शुरू किया है। मुख्य मांगो में गोचर व वन विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटवाने, ग्राम पंचायत के समस्त विकास कार्यों का भौतिक निरीक्षण करवाने, ग्राम पंचायत द्वारा निजी टांको को अपना बता कर सरकारी राशि का दुरुपयोग, 1 NMD पुलिया से रेशमा राम व बागा राम के खेत तक दो ग्रेवल सड़कें जो मौके पर नहीं है। गबन प्रकरण पर कार्रवाई, राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज ग्राम पंचायत के समस्त परिवाद जिनका ग्राम सचिव व विकास अधिकारी झूठे तथ्य पेश कर रहे हैं। उन पर उचित कार्रवाई, राशन डीलर व डीएसओ की मिलीभगत से अप्रैल से जून 2017 में बायोमेट्रिक सत्यापन करवाने के बाद भी राशन वितरण नहीं करना ,पुलिस थाना नोख द्वारा ग्राम वासियों पर झूठे मुकदमे में उन्हें प्रताड़ित करना तथा पैसे वसूली का निस्तारण आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
1 NMD पुलिया से दृश्य | जहां से बागाराम व रेशमा राम की ढाणी की तरफ दो ग्रेवल सड़क कागजो में बताई गई हैं परन्तु धरातल पर नहीं हैं


✍ अणदाराम  बिश्नोई
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टिप्पणियाँ

  1. भाई आप बहुत बढ़िया काम पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे हैं।
    आप इसी तरह से आगे बढ़ते रहें ।
    Good Luck Bhai

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