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आज की बड़ी खबरें : 15 सितम्बर 2018

आज की बड़ी खबरें, देश विदेश सहित राजस्थान की ताजा खबर जाने शॉर्ट में- Today Latest News 

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देश- 

इन्दौर : मुहर्रम मजलिस में शामिल होने सैफी मस्जिद में नंगे पैर पहुंचे  PM मोदी, कहा- बोहरा मुस्लिम समुदाय से मेरा पुराना रिश्ता | देश के किसी मस्जिद में पहली बार PM मोदी

बुराड़ी कांड में नया खुलासा: आत्महत्या से नहीं , दुर्घटना में गई थी 11 लोगों की जान, CBI रिपोर्ट का दावा |साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के आधार तैयार की गई हैं CBI की रिपोर्ट

नई दिल्ली : रजन गोगोई देश के नये CJI घोषित, 2 अक्टूबर को मिश्रा के रिटायर होने पर संभालेगें कार्यभार

नई दिल्ली : PM मोदी ने मंहगाई पर बुलाई बैठक, RBI गर्वनर ,वित्त मंत्री सहित अधिकारी रहे मौजूद | जेटली ने कहा- भारत की विकास दर दुसरे देशों की तुलना में अच्छी 

नई दिल्ली: RSS का "भविष्य का भारत" कार्यक्रम 17 से 19 सितम्बर तक, अभी तक नहीं दिया गया राहुल गांधी को न्यौता | माया-ममता व अखिलेश सहित 40 संगठनों को दिया गया न्यौंता

नई दिल्ली : हाईकोर्ट ने कहा, आरके पचौरी पर यौन शौषण के मामले में तय होगें आरोप | सन् 2005 में महिला ने टेरी प्रमुख पचौरी पर दर्ज कराई थी शिकायत

जेटली-माल्या मुलाकात विवाद : बीजेपी ने कांग्रेस की बात को नकारा ,कहा- 1 मार्च को जेटली सेन्ट्रेल हॉल गयें ही नहीं थें | राहुल गांधी ने पीएल पुनियां को चश्मदीद के तौर पर किया था पेश 

विराट कोहली ने पत्नी अनुष्का शर्मा की टी-शर्ट पहनी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो

विदेश-  

अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या पिछले साल की तुलना 5% घटी, अमेरिकी वाणिज्य रिपोर्ट में दावा | आठ साल में पहली बार हुआ हैं ऐसा

चीनी राजनयिक ने भारत-चीन के बीच भविष्य में बुलेट ट्रेन चलने का किया दावा, कहा- चीन के कुमजिन व कलकत्ता के बीच चलाने  का हैं प्लान

अमेरिका के दक्षिण-पूर्णी तट  हेरीकेन तूफान की चमेट में, ढाई सौ किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हैं हवा

इस्लामाबाद: पाक के पूर्व PM नवाज की पत्नी कुलसूम का कल किया गया अन्तिम संस्कार, 5 दिन की पैरोंल पर बाहर आयें पति नवाज व बेटी मरियम

फिलीपींस: माखुट नामक चक्रवात का पांच लाख लोगों पर खतरा, 200 किमी प्रति घंटे की हैं रफ्तार

राजस्थान- 

जैसलमेर: देश में निर्मित्त हॉवित्जर तोप का पोकरण रेंज में किया गया सफल परिक्षण,  50 किमी तक हैं गोले दागने की क्षमता

भीलवाड़ा : विमंदित अधेड ने़ पहले फैक्ट्री के छत पर मचाया उत्पात, फिर कंटीले तार से फंदा लटकाकर दी जान | मौके पर पहुंची हमीरगढ़ पुलिस नहीं कर पाई शव की शिनाख्त

उदयपुर : पहली बार मोदी,बीजेपी व RSS आलोचक वामपंथी कवि सवाई सिंह को मिला प्रदेश का सबसे बड़ा मीरा पुरस्कार | बीजेपी सरकार के राज में राजस्थान साहित्य अकादमी के इस कदम को हर कोई सराहा रहा हैं

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डिग्री के दिन लदे, अब तो स्किल्स दिखाओं और जॉब पाओ

  भारत में बेरोजगारी के सबसे बड़े कारणों में प्रमुख कारण कार्य क्षेत्र के मुताबिक युवाओं में स्किल्स का भी नहीं होना है। साफ है कि कौशल को बढ़ाने के लिए खुद युवाओं को आगे आना होगा। क्योंकि इसका कोई टॉनिक नहीं है, जिसकी खुराक लेने पर कार्य कुशलता बढ़ जाए। स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद युवाओं को लगता है कि कॉलेज के बाद सीधे हाथ में जॉब होगी। ऐसे भ्रम में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा हर दूसरा स्टूडेंट रहता है। आंखें तब खुलती है, जब कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद बेरोजगारों की भीड़ में वो स्वत :  शामिल हो जाते है। क्योंकि बिना स्किल्स के कॉर्पोरेट जगत में कोई इंटरव्यू तक के लिए नहीं बुलाता है, जॉब ऑफर करना तो बहुत दूर की बात है। इंडियन एजुकेशन सिस्टम की सबसे बड़ी कमी- सिर्फ पुरानी प्रणाली से खिसा-पीटा पढ़ाया जाता है। प्रेक्टिकल पर फोकस बिल्कुल भी नहीं या फिर ना के बराबर होता है। और जिस तरीके से अभ्यास कराया जाता है, उसमें स्टूडेंट्स की दिलचस्पी भी उतनी नहीं होती। नतीजन, कोर्स का अध्ययन के मायनें सिर्फ कागजी डिग्री लेने के तक ही सीमित रह जाते है।   बेरोजगारों की भीड़ को कम करने के लि

राजनीति में पिसता हिंदू !

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आधुनिकता की दौड़ में पीछे छूटते संस्कार

किसी भी देश के लिए मानव संसाधन सबसे अमूल्य हैं। लोगों से समाज बना हैं, और समाज से देश। लोगों की गतिविधियों का असर समाज और देश के विकास पर पड़ता हैं। इसलिए मानव के शरीरिक, मानसिक क्षमताओं के साथ ही संस्कारों का होना अहम हैं। संस्कारों से मानव अप्रत्यक्ष तौर पर अनुशासन के साथ कर्तव्य और नैतिकता को भी सीखता हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह हैं कि स्कूल और कॉलेजों में ये चीजें पाठ्यक्रम के रूप में शामिल ही नहीं हैं। ऊपर से भाग दौड़ भरी जिंदगी में अभिभावकों के पास भी इतना समय नहीं हैं कि वो बच्चों के साथ वक्त बिता सके। नतीजन, बच्चों में संस्कार की जगह, कई और जानकारियां ले रही हैं। नैतिक मूल्यों को जान ही नहीं पा रहे हैं।  संसार आधुनिकता की दौड़ में फिर से आदिमानव युग की तरफ बढ़ रहा हैं। क्योंकि आदिमानव भी सिर्फ भोगी थे। आज का समाज भी भोगवाद की तरफ अग्रसर हो रहा हैं। पिछले दस सालों की स्थिति का वर्तमान से तुलना करे तो सामाजिक बदलाव साफ तौर पर नज़र आयेगा। बदलाव कोई बुरी बात नहीं हैं। बदलाव के साथ संस्कारों का पीछे छुटना घातक हैं।  राजस्थान के एक जिले से आई खबर इसी घातकता को बताती हैं। आधुनिकता में प