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आखिर कौन है यह बिश्नोई समाज, जिसने सलमान को खिलाई जेल की हवा

सलमान को 20 साल तक मुंबई से जोधपुर तक घसीटने में बिश्नोई समाज की अहम् भूमिका रही हैं। परन्तु पहले यह तो जान लो की आखिर यह समाज हैं कौन ? 

राजस्थान के मरूस्थल में अगर आपको कहीं चिंकारा( हिरण) दिखता है , समझ लेना आप बिश्नोईयो के गढ़ मे प्रवेश कर चुके हो। मै ऐसा इसलिए लिख रहा हुँ, क्योकि बिश्नोई ही एकमात्र ऐसा समाज है जो चिंकारा व वन्य जीवों का शिकार नहीं करता हैं और उन्हे संरक्षण देता हैं। बिश्नोई समाज के लोग इनकी रक्षा के लिए अपनी जान तक देनो को तत्पर रहते हैं। इनके कई उदाहरण आज की तारीख में मौजुद है,जिसमें बिश्नोई युवको ने शिकारीयो से वन्य जीवो को बचाने के प्रयास मे खुद गोली खाई।

कैसे हुआ बिश्नोई समाज का उद्भव
आज से करीब साढ़े पाँच सौ साल पहले राजस्थान के बीकानेर जिले के समराथल नामक रेत के धोरे (बालु स्तुंभ) पर गुरू जंभेश्वर महाराज ( जिसे विष्णु भगवान का अवतार माना जाता हैं ) ने अभिमंत्रित पवित्र पाहल ( मंत्रित पानी) पिलाकर अपने कुछ शिष्यो को जीवन जीने का नया पथ(रास्ता) दिखा कर बिश्नोई पंथ (समाज/संप्रदाय)  की स्थापना की थी। साथ में शिष्यो को 29 नियम बताये।

बिश्नोई = 20+9+E
गुरू जंभेश्वर भगवान ने कहा था(बिश्नोई समाज के ग्रंथो के अनुसार ) की जो मेरे द्वारा बताये गये 29 नियम का पालन करेगा, वही बिश्नोई कहलायेगा,चाहे वो भले ही किसी और जाति/धर्म से क्यो नही आता हो ।
         इस तरह बहुत सारी जातियों के लोग ने 29 नियमो को ग्रहण कर बिश्नोई पंथ मे शामिल हो गये।
बिश्नोई का मतलब 29 नियमो का पालन करने वाला ,जो उनके गुरूजी ने बताये थे।

क्या हैं 29 नियम
गुरू जंभेश्वर के द्वारा बताये गये 29 कुछ इस प्रकार है, जिनका पालन करने वाला बिश्नोई कहलाता हैं। मतलब वो बिश्नोई समाज का हिस्सा बन जाता हैं। दुसरे शब्दो में कहे तो जो बिश्नोई होता है ,वो 29 नियम का पुर्ण रूप से निष्ठा के साथ पालन अपने जीवन मे करता हैं।
सबसे बड़ी बात की यह नियम पुर्ण रूप से वैज्ञानिक तर्क पर आधारित है और न ही कोई पाखन्ड हैं।
1. तीस दिन सूतक: मां बच्चो को जन्म देने के बाद तीस दिन कोई काम नहीं करेगी और अपने बच्चे के साथ एक अलग कमरे ( सच्चा-बच्चा की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए) में रहेगी।
2.पंच दिन का रजस्वला : मासिक धर्म के दौरान स्त्रीयां आराम करेगी तथा न ही कोई घर-बाहर का काम करेगी। क्योकि इसमे बहुत सारा खुन बह जाता है, इसलिए स्वास्थ्य  व स्वच्छता की दृष्टी यह नियम रखा गया हैं।
3.सुबह स्नान करना: सुर्योदय होने से पहले दैनिक क्रिया से निवृत होकर स्नान करना।
4. शील, संतोष, शुचि रखना: अच्छा व्यवहार व संतोष रखना।
5.प्रातः-शाम संध्या करना : सुबह शाम भगवान का ध्यान करना।
6. साँझ आरती विष्णु गुण गाना : शाम को विष्णु भगवान का स्मरण करना।
7. प्रातःकाल हवन करना : शुद्ध देशी घी से सुबह  को अपनी श्रद्धानुसार हवन करना।इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है क्योकि हवन के धुँए से प्राण-वायु ऑक्सीजन ( O2 ) निकलती हैं 
8.पानी छान कर पीना व वाणी शुद्ध बोलना
9. ईंधन बीनकर व दूध छानकर पीना : जलावन के लिये लकड़ीयों को देखकर जलाना ताकी कहीं उसमें छोटे जीव जैसे कीड़े-मकोड़ो की हत्या न हो जाय। बिश्नोई समाज में जीव हत्या को महापाप माना गया हैं। 
10.क्षमा सहनशीलता रखे
11. दया-नम्र भाव से रहे
12.चोरी नहीं करनी
13 निंदा नहीं करनी
14.झूठ नहीं बोलना
15.वाद विवाद नहीं करना : किसी से बिना मतलब लड़ाई-झगड़ा नहीं करना।
16. अमावस का व्रत रखना : अमावस महीने में एक बार आती हैं। सांईस के मुताबिक महीने एक बार पेट को आराम देना चाहिए।
17.भजन विष्णु का करना : विष्णु भगवान का सुमरन करना।
18. प्राणी मात्र पर दया रखना
19.हरे वृक्ष नहीं काटना
20. अजर को जरना
21.अपने हाथ से रसोई पकाना
22. थाट अमर रखना
23. बैल को बंधिया न करना
24. अमल नहीं खाना : अमल एक नशाला पदार्थ होता हैं,जिसे अफीम भी कहते हैं। उसका सेंवन नहीं करना।
25  तम्बाकु नहीं खाना व पीना
26. भांह नहीं पीना
27. शराब नहीं पीना
28. मांस नहीं खाना
29. नीले वस्त्र नहीं धारण करना : नीला वस्त्रो का रंग पुराने समय में नील की खेती करके करते थे।जिससे भूमि बंजर हो  जाती थी ।

यह थे बिश्नोई समाज के 29 नियम और जिसे बिश्नोई समाज के लोग आज भी अपनी निष्ठा से पालन करते हैं। इसका सलमान वाला केस अभी का ताजा उदाहरण हैं।
गुरू जंभेश्वर भगवान

सलमान के केस से क्या लेना-देना ?
सन् 1998 में, फिल्मी सुपर स्टार 'दंबग' सलमान खान अपनी फिल्म 'हम साथ-साथ' की शुटीग के लिये साथी कलाकार सैफ अली, तब्बु, नीलम और सोनाली बिन्द्रे के साथ राजस्थान के मशहुर शहर जोधपुर थे। इसी बीच रात को एक घटना घटी ,जिसके कारण सलमान को 20 साल बाद जोधपुर की एक अदालत में 5 साल की सजा व 10 हजार रूपये का जुर्माना का दंड मिला।
            इस घटना के चश्मदीद चोंगाराम बिश्नोई के अनुसार  कांकणी गांव के बंजर भूमि पर , पुनमचन्द बिश्नोई  के घर थोड़ा ही दुर सड़क के पास आधी रात को उन्होने एक गाड़ी की रोशनी देखी। उस दिन चांदनी रात थी। जो सड़क से नीचे उतर कर बंजर भूमि की और मुड़ी। तो पास घर वाले बिश्नोई समाज के लोग  सहित चोगाराम जी को शंक हुआ की जरूर कोई शिकारी होगा । क्योकि बिना मार्ग व सड़क के बंजर भूमि में कोई गाड़ी भला क्यो आयेगी। वो भी आंधी रात को ।

फिर उन्हे गोलियो की आवाज सुनाई दी। तब सब लोग आवाज की तरफ भागे। जब पास में पहुंचे तो पता चला की सलमान खान जिप्सी की आगे वाली सीट पर सैफ अली खान के साथ बैठे थे। पीछे तीन लड़किया( तब्बू,नीलम और सेनाली) देखी। सलमान के हाथ में बन्दुक भी थी। जब सुबह छान-बीन की गई को दो हिरणो की लाश मिली ।
 आपको बता दे की हिरण एक दुर्लभ प्रजाति हैं। इसलिए इन्हे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मारना कानुनी अपराध हैं। फिर वन विभाग के पास यह केस दर्ज किया। फिर धीरे धीरे मामला आगे बिश्नोई लेकर चलते रहे और अब उनकी जीत हो चुकी है । क्योकि आखिर सलमान 5 साल की जेल हो ही गई।
बिश्नोई समाज ने यह केस इतने बड़े सुपर स्टार के खिलाफ़  इसलिए लड़ा,क्योकि जीव पर दया व रक्षा करना उनका धर्म हैं।
आपको जानकारी के लिये बता दे " विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला"  बलिदानी 363 बिश्नोईयों के याद में जोधपुर के खेजड़ली गांव में लगता हैं।
अणदाराम बिश्नोई

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